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Saturday 22 September 2018

नीशेप क्‍लीनिक (सैक्‍सी नाभी)पेट एंव नाभी को आकृषक बनाना


                  पेट एंव नाभी को आकृषक बनाना
  
  महिलाओं की सुन्‍दरता में समतल पेट पर झील सी बल खाती गहरी नाभी का अपना एक अलग ही महत्‍व है, जिसका वर्णन कवि कालीदास ने अपने गृन्‍थ में कुछ इस प्रकार से किया है , कटि मध्‍य ,समतल उदर पर झील सी बल खाती गहरी नाभी, उन्‍नत उरोज, पुष्‍ट नितम्‍ब प्रदेश, पुष्‍ट स्‍वस्‍थ्‍य जंधायें किसी सुन्‍दर महिला के शरीर के ये उतार चढाव उसके सौन्‍र्द्धय में चार चॉद लगा देते है । यही है ईश्‍वर की अद्वितिय रचना जिसे बार बार देखने पर भी मन नही भरता । कहने का सीधा सा अर्थ है किसी भी महिला में स्‍वस्‍थ्‍य पुष्‍ट नितम्‍ब (कुल्‍हे) ,उन्‍नत उरोज(स्‍तन) तथा समतल पेट पर झील की तरह से गहरी नाभी होना चाहिये । शरीर के यह उतार चढाव उसके सौन्‍र्द्धय को कई गुना अधिक बढा देते है । खॉस कर ऐसी युवा महिलाये जो माडलिंग से जुडी है  या फिल्‍म लाईन टेलीवीजन या फिर डॉस प्रोग्राम आदि करती है उनके लिये तो गहरी नाभी एंव नाभी बल का अपना विशेष महत्‍व है क्‍योकि जब वे प्रफामेन्‍श करती है तब लाखों र्दशकों की नजर उन पर होती है ऐसे में यदि किसी महिला की नाभी जख्‍म की तरह , कम गहरी या डण्ठल की तरह से बाहर को निकली हुई है ऐसे में उसके पेट को सौन्‍र्द्धय तो गया कभी कभी कुछ युवा महिलाओं का पेट मर्दो की तरह से सपाट या फिर एक सा होता है जिसमें स्‍त्री सुलभ आकृषण नही होता , महिलाओं के पेट की बनावट इस प्रकार होनी चाहिये जिसमें स्‍त्रीय सुलभ आकृषण प्रथम दृश्‍या ही दिखे ।  ब्‍युटी क्‍लीनिक की एक शाखा है जिसे नीशेप क्‍लीनिक भी कहॉ जाता है, इसमें वैसे तो केवल पेट केा सैक्‍सी तथा नाभी को गहरा आकृषक बनाया जाता है । परन्‍तु अब इसमें कुल्‍हे एंव स्‍तनों को भी आकार में गोल पुष्‍ट कपिंग प्रक्रिया से बनाया जाने लगा है ।
पेट व नाभी को आकृषक बनाना:- कई महिलाओं का पेट एंव नाभी का आकार आकृषक सैक्‍सी नही होती । कुछ महिलाओ का पेट एकदम चिपका हुआ या फिर मर्दो की तरह, एक सा होता है , इसी प्रकार उनकी नाभी गहरी न होकर बाहर को निकली हुई या फिर किसी जख्‍म की तरह से दिखती है, इस प्रकार के पेट व नाभी के आकार प्रकार उसके उतार चढाओं में सौन्‍द्धर्य नही होता, इस प्रकार के पेट व नाभी को देख कर पुरूष आकृषित नही होते । पुरूष के आकृषण में गहरी नाभी तथा मुलायम पेट, जिस पर नाभी बल पडते हो या फिर पेट तथा नाभी का उतार चढाव इस प्रकार होना चाहिये कि देखने वाले को लगे की समतल मुलायम पेट पर झील की तरह से बल खाती गहरी नाभी है, जिसे देखने एंव स्‍पर्श करने की इक्‍छा जागृत होने लगे । झील की तरह बल खाते पेट पर गहरी नाभी, पतली कमर, उस पर उन्‍नत उरोज (स्‍तन) पुष्‍ट उन्‍नत नितम्‍ब (भरे हुऐ कुल्‍हे) में इतना आकृषण होता है कि वह किसी भी उम्र के पुरूषों को  क्‍या महिलाओं तक को अपनी तरफ सम्‍मोहित कर सकती है । पेट को समतल एंव झील की तरह या नाभी पर नाभी बल आसानी से बनाया जा सकता है, इसी प्रकार ऐसी महिलायें जिनकी नाभी कम गहरी या जख्‍म की तरह से दिखती है या उस पर नाभी धारियॉ स्‍पष्‍ट दिखलाई देती है । उसे गहरा आकृषक थोडे से प्रयासों से बनाया जा सकता है । 
                 नीशेप क्‍लीनिक में नेवेल कार्क ,नेवेल स्प्रिंग की सहायता से नाभी को गहरा
आकृषक बनाया जाता है । जिसका उल्‍लेख नेवल कार्क तथा नेवल स्प्रिग से नाभी को आकृषक बनाने में दिया गया है । यहॉ पर पेट को मुलायम आकृषक बनाने के बारे में बतलाया जा रहा है । पेट पर नाभी से आडी रेखा में बल पडने से नाभी जहॉ गहरी दिखने लगती है वही पेट पर बल खाती इस रेखा को नाभी बल कहते है इस नाभी बल के पडने से पेट आकृषक दिखने लगता है । पेट की बनावट कुछ इस प्रकार से होना चाहिये , नाभी के नीचे जिसे हम तल पेट कहते है, यह यदि नाभी से उपर के पेट से कुछ उभरा हुआ है तो इससे नाभी गहरी दिखती है , परन्‍तु प्राय: नाभी के नीचे से कपडे पहनने के कारण यह तल पेट उपर की अपेक्षा कुछ दबा जाता है इससे पेट का आकृषण कम हो जाता है । आजकल प्राय: महिलाये अपने पेट पर नाभी बल बनाने का प्रयास करती है, इसके लिये सर्वप्रथम नाभी से तीन इंच नीचे वस्‍त्र को बॉधे साथ में नाभी
के बीचों बीच से एक नाडा या इलैस्‍टीक (रबड) को पेट पर नाभी से होते हुऐ पहने । परन्‍तु इससे पहनने या नाडे को बॉधते समय इस बात का विषय ध्‍यान रखे की इससे पेट पर इतना ही कसाब हो
, जिससे आप को किसी प्रकार की परेशानी न हो अर्थात उसे अधक कस कर न पहने । इसे नियमित पेट पर पहनने से नाभी पर कुछ ही दिनों में बल रेखा बन जायेगी । वैसे तो इसे तीस दिन से लेकर दो माह तक लगातार पहनने से उचित परिणाम मिलने लगते है  साथ ही तल पेट जो दबा हुआ है उसे उभारने हेतु का कपिंग यंत्र का भी प्रयोग कर सकते है यदि कपिंग यत्र नही है तो आप को जितना तल पेट याने नाभी के नीचे के पेट को जितना उभारना हो उतने भाग के नीचे से कपडे को पहने एंव उस कपडे के कसाब को पहले के अपेक्षा कुछ बढा दीजिये या फिर नाड या इलैस्‍टक को जितने नीचे से आप बॉधना चाहे, बॉधे इससे नाभी पर बॉधे नाडे या इलैस्‍टक तथा तलपेट पर नीचे बॉधे नाडे या इलैस्‍टक के दोनो दबाब की बजह से तल पेट के मसल्‍स उभर जायेगे । इसे ठीक उसी स्‍थान पर नियमित लम्‍बे समय तक  बॉधने से  तल पेट पर उभार आ जाता है तथा नाभी पर नियमित दबाब से वह अन्‍दर की तरफ दब जाती है तथा नाभी से लेकर पेट के सामने के उभार पर एक गहरी दबी हुई  रेखा बन जाती है । पेट पर इस कसाव की वहज से कमर पतली हो जाती एंव पेट भी नही बढता । प्राकृतिक उपचार में पेट के मोटापा को कम करने में इस विधि का प्रयोग बडे ही आशा और विश्‍वास के साथ किया जा रहा है एंव इसके बडे ही अच्‍छे परिणाम मिले है । यह तो बात हुई नाभी पर बल बनाने की एंव तल पेट को उभारने की इसके साथ यदि आप नाभी को गहरा करना चाहते हो तो नेवेल कार्क जो एक साधारण सा नाभी के आकार व गहराई का कार्क होता है उसे आप इलैस्‍टक पहनते समय नाभी पर लगा दीजिये कार्क के नियमित दबाब से नाभी भी कार्क के आकार की गहरी हो जायेगी । नेवल कार्क आप घर पर भी बना सकते है इसके लिये आप नाभी की साईज का एक मोती ले तथा उसे एक रूपये के सिक्‍के के आकार की प्‍लेट पर अच्‍छी तरह से चिपका दीजिये आप का नेवल कार्क तैयार है परन्‍तु यदि आप की नाभी पहले से ही कम गहरी है तो कार्क खिसक जायेगा इसलिये इस पर बैन्‍डेज जो रोल में आते है उसे मोती के उपर जिस भाग को आप नाभी पर रखे उस पर कॉट कर चिपका दीजिये चूंकि ऐसा करने से कार्क खिसकता नही है । 
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